हमारी मुस्कान
कितनी सुन्दर कितनी प्यारी,
हो गई है ज़िन्दगी हमारी।
जबसे आयी है यह नन्ही जान ,
हमारी बिटिया , हमारी मुस्कान।
कभी यह रोती , कभी यह डरती
कभी किलकारियां भरती है।
कभी नचाती कभी मुस्काती,
सबके मन को हरती है।
कभी पुकारे इम्मे -पापा ,
कभी लगाए "भीया" कि पुकार।
खिलखिलाए कभी, लुभाए सबको,
बिखराये हर तरफ खुशियों कि फुहार।
आओ इसका पहला जनम -दिन मनाएं
हसें-गाएं, खुशियां मनाएं।
परियों सा सजाएं इसका जहां,
हमारी बिटिया, हमारी मुस्कान।
कितनी सुन्दर कितनी प्यारी,
हो गई है ज़िन्दगी हमारी।
जबसे आयी है यह नन्ही जान ,
हमारी बिटिया , हमारी मुस्कान।
-प्रीती भाटिया