नया वर्ष
०१-०१-१९९९
०१-०१-१९९९
नई सुबह की फैली है आभा
हर चहरे पर दमकता हर्ष
लेकर नई आशाएं आया
नन्हा शीशु सा नया वर्ष.
नए फूलों की खुशबू लीये
खुले पंखुदी सा हर दीन नया.
बीते पल-पल, पल-पल बीते,
बसंत की रंग भरे मौसम सा.
बढ़ता जाए हर दीन, हर पल,
यह नन्हा पौध, वृक्ष सा.
खुली पवन में शाकाएँ फैलाये
करे आगमन नई सदी का.
Copyright ©2007 Preeti Bhatia
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